Little Known Facts About Aise Kyun Lyrics in Hindi.
सुमुखी तुम्हारा, सुन्दर मुख ही, मुझको कन्चन का प्यालास्वागत के ही साथ विदा की होती देखी तैयारी,
भर भरकर है अनिल पिलाता बनकर मधु-मद-मतवाला,
श्रम, संकट, संताप, सभी तुम भूला करते पी हाला,
फैले हों जो सागर तट से विश्व बने यह मधुशाला।।३१।
कल की हो न मुझे मधुशाला काल कुटिल की मधुशाला।।६१।
साकी की अंदाज़ भरी झिड़की में क्या अपमान धरा,
सूखें सब रस, बने रहेंगे, किन्तु, हलाहल औ' हाला,
गलियारे बदल जाते पर ये साए मुझे ढूंढ ही लेते
पर मै वह रोगी हूँ जिसकी एक दवा है मधुशाला।।७८।
जीवन पाकर मानव पीकर मस्त रहे, इस कारण ही,
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जग में आकर Aise Kyun Lyrics सबसे पहले पाई उसने मधुशाला।।२७।
मेरे शव पर वह रोये, हो जिसके आंसू में हाला